डॉ. मणि भूषण मिश्र
राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की 146वीं जयंती पर प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ‘स्वच्छ भारत-अभियान’ का शुभारम्भ किया। महात्मा गाँधी ऐसे महान् नेता थे, जो देश की आजादी से पूर्व भारत को स्वच्छ देखना चाहते थे। वे कहा करते थे कि मुझे आजादी बाद में, स्वच्छता पहले चाहिए। किन्तु उनके जीवन-काल में ऐसा सम्भव नहीं हुआ। महात्मा गाँधी ने देश की आजादी के लिए ‘करो या मरो’, ‘अँग्रेजों भारत छोड़ो’ का नारा दिया था। 02 अक्टूबर 2014 को उनकी जयंती के अवसर पर ‘क्लीन इण्डिया’ - अभियान की घोषणा करते हुए श्री मोदी ने कहा कि महात्मा गाँधी का ‘क्विट इण्डिया’ का सपना तो पूरा हो गया, लेकिन उनके ‘क्लीन इण्डिया’ के सपने को पूरा करने का दारोमदार हम पर है।
नई दिल्ली के राजपथ पर आयोजित एक समारोह में सरकार के चपरासी से लेकर कर्मचारी और सचिव-स्तर तक के पदाधिकारी, केन्द्र-सरकार के माननीय मन्त्रिगण, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता, फिल्मी हस्तियाँ, समाज-सेवक, विद्यालय एवँ महाविद्यालय के छात्र-शिक्षकगण उपस्थित थे। इस अवसर पर लोगों को उत्साहित करने के लिए सरकारी दफ्तरों और सड़कों के किनारे, कार्य-स्थलों और आस-पास में सफाई सुनिश्चित करने के सन्देश वाले बैनर लगे हुए थे। कुछ कर्मचारी विशेष रूप से डिजाइन की हुई टी-शर्ट भी पहने हुए थे, जिसपर सफाई सुनिश्चित करनेवाले संदेश था।
कार्यक्रम-शुभारम्भ से पूर्व 8:20 बजे प्रात: श्री मोदी वाल्मीकि-सदन पहुँचे और स्वयं झाड़ू लगाकर देश को सफाई के प्रति प्रेरित किया। इस अवसर पर उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी को श्रद्धांजलि भी दी।
श्री मोदी ने कहा, बापू का स्वच्छ भारत का सपना अभी अधूरा है। सभी देशवासियों को मिलकर बापू के इस सपने को पूरा करना होगा।
उन्होंने कहा कि मैंने बचपन में एक बार माँ से कहा, माँ कचरे वाला आया है माँ ने जवाब दिया बेटा कचरे वाले तो हम हैं, वह तो सफाई वाला है। उन्होंने कहा, ‘सोच बदलो तो देश बदलेगा, मोदी अकेला क्या-क्या करेगा।’
‘प्रिय मित्रों,
मुझे विश्वास है, आपने कई बार सुना होगा कि जहाँ स्वच्छता होती है, वहीं देवताओं का वास होता है, लेकिन जब व्यवहारिकता की बात आती है तो स्थिति अक्सर विपरीत मिलती है।
हम, 02 अक्टूबर, 2014 को भारत को स्वच्छ बनाने के लिए बड़े स्तर पर जन आन्दोलन ‘स्वच्छ भारत अभियान’ आरम्भ कर रहे हैं। वर्ष 2019 में जब हम बापू की 150वीं जयंती मना रहे होंगे तो एक स्वच्छ भारत उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगा।
महात्मा गाँधी ने अपना पूरा जीवन स्वराज्य प्राप्ति के लिए अर्पित कर दिया, अब समय आ गया है कि हम अपनी मातृभूमि की स्वच्छता के लिए स्वयं को समर्पित कर दें।
मैं, आप में से हरेक से आग्रह करता हूँ कि स्वच्छता के लिए प्रत्येक सप्ताह दो घंटे यानि प्रतिवर्ष लगभग एक सौ घंटे का योगदान दें। हम अब भारत को और अधिक अस्वच्छ नहीं रहने दे सकते। 02 अक्टूबर को मैं स्वयं इस पावन कार्य के लिए झाड़ू लेकर निकलूँगा।
मैं, हरेक व्यक्ति, विशेषकर राजनीतिक और धार्मिक नेताओं, महापौर, सरपन्चों और उद्योग जगत से अपील करता हूँ कि वे शहरों और आस-पास के क्षेत्रों, गाँवों, कार्यस्थलों और यहाँ तक कि
अपने घरों की स्वच्छता की कार्य-योजना बनाकर मनोयोग से उसे क्रियान्वित करने में जुट जाएँ।
मैं स्वच्छ भारत के निर्माण के इस सामूहिक प्रयास में आप सबकी भागीदारी और सक्रिय योगदान का अनुरोध करता हूँ।’
राजपथ पर अपने 25 मिनट के सम्बोधन में श्री मोदी ने कहा, ‘देश की सरकारों ने इस काम के लिए कुछ-न-कुछ किया है। कई राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों ने इस दिशा में काम किया है। जिन्होंने काम किया, मैं उन सबको बधाई देता हूँ।’
राजपथ पर लोगों को शपथ दिलाते हुए श्री मोदी ने कहा कि सफाई का दायित्व केवल सरकार का नहीं, बल्कि सभी 125 करोड़ भारतीयों का है। उन्होंने कहा कि आज के अभियान को महज फोटो खिंचवाने के अवसर के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
प्रधानमन्त्री श्री मोदी ने ‘स्वच्छ भारत-अभियान’ के लिए वेबसाइट की शुरुआत भी की। ‘माईजीओवी डॉट इन’ पर इसका लिंक उपलब्ध है। उन्होंने लोगों से कूड़े-कचरे की फोटो अपलोड करने और फिर वहाँ सफाई कर दूसरी फोटो या वीडियो अपलोड करने को कहा है।
स्वच्छता की शपथ
‘महात्मा गाँधी ने जिस भारत का सपना देखा था, उसमें सिर्फ राजनीतिक आजादी नहीं थी, बल्कि एक स्वच्छ एवं विकसित देश की कल्पना भी थी। अब हमारा कर्तव्य है कि गन्दगी को दूर करके भारत माता की सेवा करें।
मैं शपथ लेता/लेती हूँ कि मैं स्वयं स्वच्छता के प्रति सजग रहूँगा/रहूँगी और उसके लिए समय दूँगा/दूँगी। हर वर्ष 100 घंटे यानि हर सप्ताह 2 घंटे श्रमदान करके स्वच्छता के इस संकल्प को चरितार्थ करुँगा/करुँगी।
मैं न गंदगी करुँगा/ करुँगी, न किसी और को करने दूँगा/दूँगी।
सबसे पहले मैं स्वयं से, मेरे परिवार से, मेरे मुहल्ले से, मेरे गाँव से एवं मेरे कार्यस्थल से शुरुआत करुँगा/ करुँगी। मैं यह मानता/मानती हूँ कि दुनिया के जो भी देश का स्वच्छ दिखते हैं, उसका कारण यह है कि वहाँ नागरिक गन्दगी नहीं करते और न ही होने देते हैं। इस विचार के साथ मैं गाँव-गाँव और गली-गली ‘स्वच्छ भारत मिशन’ का प्रचार करुँगा/करुँगी।
मैं आज जो शपथ ले रहा हूँ/ ले रही हूँ। वह अन्य 100 व्यक्तियों से भी करवाऊँगा/करवाऊँगी। वे भी मेरी तरह स्वच्छता 100 घंटे दें, इसके लिए प्रयास करुँगा/करुँगी। मुझे मालूम है कि स्वच्छता की तरफ बढ़ाया गया मेरा एक कदम पूरे भारत देश को स्वच्छ बनाने में मदद करेगा।’- श्री नरेन्द्र मोदी प्रधानमन्त्री, भारत-सरकार
श्री मोदी ने सफाई को सरकारी अभियान की बजाय जनता के आन्दोलन के रूप में स्थापित करने का भी प्रयास किया। श्री मोदी ने जनता को यह सन्देश भी दे दिया कि स्वच्छता न सिर्फ स्वास्थ्य से जुड़ी है, बल्कि आर्थिक स्थिति के लिए भी जिम्मेदार है।
श्री मोदी ने अभियान को देश-भक्ति से प्रेरित मुहिम बताया। श्री मोदी ने स्पष्ट कर दिया कि इसे राजनीतिक चश्में से न देखे। उन्होंने इस मामले में पूर्ववर्ती सरकार के योगदान की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा, ‘महात्मा गाँधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने इस अभियान की अगुवाई की थी। सर्वोदय और कांग्रेस-सेवा-दल के उन सभी नेताओं को मैं सलाम करता हूँ, जो इस मुहिम से जुड़े रहे हैं। मैं यह अभियान उनके आशीर्वाद से शुरू कर रहा हूँ।’
विश्व-स्वास्थ्य-संगठन की रिपोर्ट का हवाला देते हुए श्री मोदी ने कहा कि भारत में गन्दगी के कारण हर नागरिक को सालाना औसतन 6,500 रुपए का नुकसान होता है। वह बीमारी के कारण होता है। स्पष्ट है कि सम्पन्न लोगों को इससे हटा दिया जाए तो गरीबों पर सालाना 12-13 हजार का बोझ केवल गन्दगी के कारण होता है।
अनुमान है कि स्वच्छता के लिए लगभग 62 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे, ताकि पाँच वर्ष बाद सन् 2019 में गाँधी की 150वीं जयंती तक भारत स्वच्छ देशों की कतार में खड़ा हो। बुधवार, 01 अक्टूबर, 2014 की देर रात अमेरिका से लौटे श्री मोदी गुरुवार 02 अक्टूबर 2014 की सुबह सबसे पहले महात्मा गाँधी और फिर लाल बहादुर शास्त्री के समाधि-स्थल पर पहुँचे, वहाँ उन्हें श्रद्धांजलि दी और फिर वाल्मीकि बस्ती के लिए रवाना हुए। बीच में ही वे अचानक मन्दिर-मार्ग थाने पर रुक गए और वहाँ गन्दगी देख खुद ही झाड़ू उठाकर सफाई करने लगे।
जागरूकता फैलाने के लिए नौ हस्तियाँ आमन्त्रित
अपने अभियान को एक जन-आन्दोलन बनाने के प्रयास के तहत प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ‘ए.एल्.एस् आइस बकेट चैलेंज’ का अपना संस्करण पेश किया और एक आमन्त्रण-शृंखला की शुरुआत की। उन्होंने स्वच्छता के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए नौ प्रमुख हस्तियों को आमन्त्रित किया। प्रधानमन्त्री ने इन हस्तियों इस अभियान में शामिल होने के लिए नौ और लोगों को नामान्कित करने का आग्रह किया और उम्मीद जताई कि शृंखला बनी रहेगी। श्री मोदी-द्वारा मनोनीत की गईं प्रमुख हस्तियों में फिल्म अभिनेता सलमान खान, कमल हासन, अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा, उद्योगपति अनिल अम्बानी, गोवा की राज्यपाल डॉ. मृदुला सिन्हा, कांग्रेस नेता डॉ. शशि थरूर, योगगुरू बाबा रामदेव और धारावाहिक ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ की टीम शामिल है।
ज्ञात हो कि इस अवसर पर श्री मोदी के साथ भारत के माननीय ग्रामीण विकास-मन्त्री श्री नितिन गडकरी तथा शहरी-विकास मन्त्री श्री एम् वेंकैया नायडू भी उपस्थित थे।
लोगों डिजाइनर सम्मानित
प्रधानमन्त्री ने महाराष्ट्र के कोल्हापुर के श्री अनन्त का कासबरदार को स्वच्छ भारत मिशन का प्रतीक-चिन्ह डिजाइन करने के लिए आयोजित की गई प्रतियोगिता में विजयी होने पर सम्मानित किया। उन्होंने साथ ही राजकोट, गुजरात की सुश्री भाग्यश्री सेठ को मिशन के लिए एक आकर्षक टैग लाइन ‘एक कदम स्वच्छता की ओर’ देने के लिए भी सम्मानित किया। श्री कासबरदार को पचास हजार तथा भाग्यश्री सेठ को 25 हजार रुपए की नकद-राशि और प्रशस्ति-पत्र प्रदान किए गए।
साथ आए आमिर
प्रधानमन्त्री श्री मोदी-द्वारा राजपथ पर ‘स्वच्छ भारत-अभियान’ शुरू किए जाने के अवसर पर मौजूद बॉलीवुड अभिनेता श्री आमिर खान ने देश के लोगों से इस पहल का समर्थन करने की अपील की। आमिर ने कहा, ‘यदि मुझे जिम्मेदारी दी जाती है तो मुझे बहुत खुशी होगी। मैं इसे दिल से स्वीकार करुँगा, क्योंकि देश के लिए यह एक बहुत बड़ा कदम है। यदि हम स्वच्छता पर ध्यान देते हैं तो कम-से-कम आठ-दस चीजें ठीक हो जाती हैं। इसी तरह, स्वच्छता से स्वास्थ्य सुधरता है।’ उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि हर भारतीय इसमें शामिल होना चाहेगा। इसके अतिरिक्त निगमों को भी ठोस एवं तरल कचरे को प्रबन्धित करना होगा। यदि दोनों चीजें साथ-साथ चलती हैं तो अच्छा माहौल बनेगा।’ पुन: उन्होंने कहा कि ‘मैं देश के लोगों से अपील करता हूँ कि प्रधानमन्त्री ने जो कहा है, वह सुन्दर विचार है और हमें उनके साथ कन्धे-से-कन्धा मिलाकर चलना चाहिए, ताकि महात्मा गाँधी की 150वीं जयंती पर हमारे द्वारा स्वच्छ भारत देने का उनका सपना सच हो सके।’
साभार : सुलभ इण्डिया अक्टूबर 2014