नई दिल्ली। सरकार ने कहा कि ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के तहत बनने वाले सामुदायिक व सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण में महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। राज्यसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए केन्द्रीय शहरी विकास राज्यमन्त्री बाबुल सुप्रियो ने कहा कि मिशन के तहत 25 महिलाओं पर एक सामुदायिक शौचालय सीट और 50 महिलाओं पर एक सार्वजनिक शौचालय सीट का निर्माण किया जाएगा। जबकि 35 पुरुषों पर एक सामुदायिक शौचालय सीट व 100 पुरुषों पर एक सार्वजनिक शौचालय सीट का निर्माण किया जाएगा।
उन्होंने कहा, सामुदायिक शौचालयों का निर्माण स्वच्छ भारत अभियान मिशन के तहत 40 फीसदी व्यवहार्यता अन्तर वाले इलाकों के स्थानीय समुदायों के इस्तेमाल के लिए प्रस्तावित हैं। इनके निर्माण के लिए निधि शहरी विकास मन्त्रालय देगी, जबकि सार्वजनिक शौचालय का निर्माण भुगतान व इस्तेमाल पर आधारित होगा। सुप्रियो ने सदन को बताया कि साल 2011 में हुई जनगणना के मुताबिक, शहरों में 44,04,752 शौचालय हैं। इस सूची में महाराष्ट्र शीर्ष पर है, जहाँ कुल 22 लाख सार्वजनिक शौचालय हैं, जबकि तमिलनाडु में सात लाख, कर्नाटक में 2.26 लाख, दिल्ली में दो लाख, पश्चिम बंगाल में 1.86 लाख, सार्वजनिक शौचालय हैं।
साभार : कल्पतरू एक्सप्रेस 28 फरवरी 2015