मैनपुरी। परिषदीय विद्यालयों में शौचालयों की तस्वीर बदलेगी। स्वच्छ भारत और स्वच्छ शौचालय अभियान की धमक मैनपुरी जनपद में भी शीघ्र दिखाई देगी। शौचालय विहीन और अक्रियाशील शौचालय का निर्माण एवं मरम्मत कार्य सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम तथा कारर्पोरेट के द्वारा कराया जाएगा। दस दिसम्बर तक सभी औपचारिकताएं पूर्ण करने को कहा गया है। बीएसए को निर्देशित किया गया है कि वे प्रत्येक माह की 15 और 30 तारीख को शौचालय निर्माण की प्रगति की जानकारी राज्य परियोजना कार्यालय लखनऊ को उपलब्ध कारायें।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने बेसिक शिक्षा विभाग को शौचालयों के निर्माण और उनकी मरम्मत करने के आदेश जारी किया है। आदेश मिलने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग उप्र के सचिव हीरालाल गुप्ता ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर कहा है कि जनपद में यूडायस 2013-14 में दर्ज शौचालय विहीन अथवा जो शौचालय उपयोग में नहीं हैं के निर्माण एवं मरम्मत हेतु बीएसए दस दिसम्बर तक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम अथवा कार्पोरेट से सम्पर्क कर निर्माण कार्य शुरू करने की सभी औपचारिकता पूर्ण करवाएं।
पत्र में कहा गया है कि यदि किसी विद्यालय में शौचालय बना हुआ है और यूडायस में शौचालय विहीन दर्शाया गया है तो ऐसे विद्यालय को चिन्हित कर कार्य कराया जाए। सभी विद्यालयों के जिला पंचायत राज अधिकारी के पत्र का हवाला देते हुए शौचालय विहीन अथवा खराब पड़े शौचालयों की सूचना संबधित क्षेत्र के ग्राम प्रधानों को देनी होगी। बताते चलें कि जनपद के अधिकांश परिषदीय विद्यालयों की स्थिति अच्छी नहीं है। पांच प्रतिशत शौचालय ही ऐसे होंगे जहां पर इनका प्रयोग छात्र करते होगें। सभी शौचालय टूटे फूटे हैं। कहीं गेट नहीं है तो कहीं शीट। ग्रामीणों द्वारा भी शौचालय को खराब कर दिया जाता है। कई ऐसे विद्यालय हैं जहां पर शौचालय नहीं हैं। कई प्रधानाध्यापकों का आरोप है कि ग्राम प्रधान शौचालय के नाम पर केवल खानापूर्ति करते हैं।
प्राथमिक विद्यालय चित्तरपुर का शौचालय निर्माण हुए लगभग दो वर्ष बीत चुके हैं। आधा अधूरा शौचालय होने के कारण एक भी दिन इसका उपयोग नहीं किया जा सका है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल के बाद जनपद के परिषदीय विद्यालयों के शौचालयों की कितनी तस्वीर बदलेगी यह तो बाद में ही पता चलेगा मगर अधिकारियों से लेकर अन्य कंपनियां जरूर मालामाल होगी।
साभार : कल्पतरु समाचार सेवा