कल्पतरु समाचार सेवा हाथरस। लड़का पक्ष ने लड़की पक्ष के सामने जितनी शर्तें रखीं सभी को उन्होंने मान ली। रिश्ता तय हो गया लग्न-सगाई की रस्म भी पूरी हो गई, लेकिन बिटिया ने एक शर्त रख दी तो रिश्ता ही टूट गया।
बिटिया की शर्त थी ससुराल में शौचालय की। इसके लिए चार महीने का समय भी गुजर गया लेकिन इस एक जरूरत को भी लड़का पक्ष पूरी नहीं कर सका तो बेटी के पिता ने रिश्ता तोड़ दिया। समाज में महिलाओं के प्रति जागरूकता आ रही है। जागरूकता का इससे बड़ा उदाहरण और क्या हो सकता है कि एक लड़की के पिता ने अपनी बेटी का रिश्ता सिर्फ इसलिए तोड़ दिया कि उसके लिए उसके ससुराल वाले वायदे के मुताबिक घर में शौचालय नहीं बनवा पाए न ही पानी की व्यवस्था की।
लड़की पक्ष ने लग्न सगाई की रस्म में दिया सामान वापस लिया
23 अप्रैल को ही लड़की पक्ष ने धूम-धाम से लग्न-सगाई की रस्म पूरी की थी। बाद में लड़की पक्ष लग्न सगाई में दिया गया सामान लेकर वापस लौट गया। हालांकि लड़का पक्ष ने काफी मनुहार की।
27 अप्रैल को बारात जानी थी। शहर के थाना हाथरस गेट क्षेत्र के मोहल्ला रमनपुर निवासी भोला पुत्र शमशेर (काल्पनिक नाम) का रिश्ता इसी वजह से टूट गया। जानकारी के अनुसार कासगंज क्षेत्र के गाँव अहरौली निवासी एक व्यक्ति ने अपनी बेटी की शादी यहाँ रमनपुर में भोला के साथ तय की थी। लड़के वालों के यहाँ शौचालय व हैंडपम्प नहीं थे। रिश्ता तय करते समय यह भी तय हुआ था कि शादी से पहले ही वह शौचालय व हैंडपम्प की व्यवस्था करा देंगे। सूत्रों के अनुसार 23 अप्रैल को लड़की पक्ष ने यहाँ आकर लग्न-सगाई भी चढ़ा दी।
जमकर गाना-बजाना हुआ और दावत उड़ाई गई। इसके बाद जब लड़की के पिता ने शौचालय व हैंडपम्प के बारे में पूछा तो यह जवाब मिला कि यह कोई खास बात नहीं है, शादी के बाद करा देंगे। यह सुनकर लड़की के पिता का माथा ठनक गया और यह कहते हुए लग्न-सगाई में दिया सामान वापस माँग लिया कि अभी से यह स्थिति है तो आगे क्या होगी।
चार महीने पहले रिश्ता तय करते समय रख दी थी शौचालय की माँग
सूत्रों की मानें तो लड़की पक्ष ने चार महीने पहले रिश्ता तय करते समय ही यह कह दिया था कि उनकी लड़की शौच के लिए घर से बाहर नहीं जाएगी, लेकिन लड़का पक्ष ने इसे हल्के में लिया और बात बिगड़ गई। हालांकि लड़का पक्ष ने बात बनाने के लिए काफी कोशिशें कीं, लेकिन बात नहीं बनी।
पिता ने दिया बेटी का साथ
लड़का पक्ष ने दो बार रिश्तेदारों और बिचौलियों को लेकर लड़की पक्ष के यहाँ जाकर बातचीत भी की, लेकिन पिता ने ऐसे परिवार में रिश्ता करने से साफ इन्कार कर दिया। 27 अप्रैल को हाथरस से कासगंज के लिए बारात जानी थी, लेकिन बारात नहीं गई। शादी के कार्ड आदि सभी बँट चुके थे। लड़का पक्ष की जरा सी भूल और सामाजिक जागरूकता न होने के चलते लड़का और लड़की दोनों के ही हाथों पर मेंहदी लगी रह गई।
साभार : कल्पतरु एक्सप्रेस 28 अप्रैल 2015