डेली न्यूज नेटवर्क लखनऊ। शहर वासियों को प्रदेश का पहला अन्तरराष्ट्रीय स्तर का इको फ्रेंडली शौचायल मिलेगा। नगर निगम मुख्यालय के सामने पहला पब्लिक टॉयलेट होगा जिसमें विकलांगों का पूरा ध्यान रखा गया है। पचास लाख रुपए की कीमत से बन रहा यह जन सुविधा केन्द्र अक्टूबर में बनकर तैयार हो जाएगा। स्मार्ट सिटी योजना के लिए यह स्मार्ट टॉयलेट एक उदाहरण बनकर सामने होगा।
स्वास्थ्य और स्वच्छ भारत अभियान के तहत हेल्प हैल्ड्स समाजिक सेवा संस्थान झण्डी पार्क में एक पब्लिक टॉयलेट का निर्माण करा रहा है। खास बात यह है कि इसमें पहली बार विकलांगजनों के लिए रैम्प की सुविधा दी गई है। इसका निर्माण इस तरह से किया जाएगा कि विकलांगजन व्हीलचेयर के साथ शौचालय में प्रवेश कर सकें। उनके पकड़ने के लिए हैंडिल आदि के साथ ही अलग से शौचालय का प्रावधान किया गया है।
यही नहीं संस्थान विकलांगों के लिए बाथरूम तक पहुँचने के लिए व्हीलचेयर भी उपलब्ध कराएगी। महिला व पुरुष दोनों के लिए अलग-अलग सुविधा होगी। इसमें 12 मेल और 6 फीमेल के लिए टॉयलेट तैयार किए जा रहे हैं। संस्थान के सचिव शिव शंकर सोनवाल ने बताया कि इसके निर्माण में भूम्कप से बचाव का विशष तौर पर ध्यान रखा गया है। इसकी दीवारे हरियाणा से मँगवाए गए एसीसी ब्लॉक (ईंट) से बनाई जा रही हैं। यह पूरी तरह वाटर प्रूफ, सीलन प्रूफ, हीट प्रूफ और साउण्ड प्रूफ है। जिससे एसी की कूलिंग ज्यादा से ज्यादा रह सके और बाहर की गर्मी का अहसास न हो सके। निर्माण में भूकम्प रोधी तकनीक का उपयोग किया गया है। इसके अलावा नागरिकों को निशुल्क स्वच्छ पेयजल की भी सुविधा मिलेगी।
सौर ऊर्जा से चलेंगे संसाधन
अन्तरराष्ट्रीय स्तर के इस आधुनिक शौचालय में बिजली खर्च और ऊर्जा बचत के लिए सौर ऊर्जा उपकरण को लगाया जाएगा। गर्म पानी, बिजली और अन्य संसाधन सौर ऊर्जा तकनीक से चलाए जाएँगे। इसके उपयोग की दरें बहुत अधिक नहीं होंगी। दो रुपए यूरिनल के लिए, पाँच रुपए टॉयलेट और दस रुपए बाथरूम उपयोग करने के लिए देना होगा। स्वच्छता के साथ-साथ एसी टॉयलेट के रख-रखाव के लिए करीब 12 से 15 कर्मचारियों की ड्यूटी रहेगी।
साभार : डेली न्यूज ऐक्टिविस्ट 30 अगस्त 2015