छिंदवाड़ा, पत्रिका। सुनने में भले ही अटपटा और अनोखा लगे, लेकिन यह हकीकत है। छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा तहसील के ग्राम गाड़रवाड़ा में बाल सेना गाँव की सुरक्षा में जुटी है। सुरक्षा धन और सम्पत्ति की नहीं बल्कि स्वच्छता की। गाँव की बाल सेना (बच्चों की टोली) सुबह पाँच बजे उठकर ग्रामीणों को खुले में शौच से रोकती है। इसके लिए बकायदा दो समिति का गठन किया गया है, जिसमें बालिकाएँ और बालक शामिल हैं। बाल सेना की गिरफ्त में कोई आ गया तो उसे सजा भी दी जाती है।
गाँव की बाल सेना (बच्चों की टोली) सुबह पाँच बजे उठकर ग्रामीणों को खुले में शौच से रोकती है। इसके लिए बकायदा दो समिति का गठन किया गया है, जिसमें बालिकाएँ और बालक शामिल हैं। बाल सेना की गिरफ्त में कोई आ गया तो उसे सजा भी दी जाती है।
पूरा देश तो स्वच्छ भारत की अलख जगाने में लगा ही है, लेकिन अगर गाँव के सभी लोग भी इन मासूमों की सीख लेकर अपने स्तर पर इस तरह के कदम उठाएँ तो शायद वो दिन दूर नहीं होगा जब भारत सच में स्वच्छ हो जाएगा। गाड़रवाड़ा ग्राम में बच्चों की तरफ से चलाई जा रही इस मुहिम का हिस्सा अब बड़े भी बन गए हैं। खुले में शौच करने वालों पर निगरानी रखने के लिए दो समिति बनाई गई है, जिसमें महिला और पुरुष शामिल हैं, समिति के सदस्य सुबह और शाम गाँव के आस-पास निगरानी करते हैं।
सौ रुपए जुर्माना वसूल रही पंचायत
खुले में शौच करते अगर कोई पकड़ा जाता है तो उससे पंचायत सौ रुपए का जुर्माना वसूल रही है जो अब तक कई लोग दे चुके हैं। इसके अलावा बाल सेना अलग से दण्ड देती है।
ग्रामीणों ने दिया समर्थन
ग्रामीण गया प्रसाद डेहरिया और चिरोंजा डेहरिया ने बताया कि बच्चों की तरफ से चलाई जा रही मुहिम के सार्थक परिणाम सामने आने लगे हैं। सरकार की मंशा गाँव से ही पूरी हो तो ज्यादा अच्छा होगा। अब तक कई लोग खुले में शौच करने का जुर्माना भर चुके हैं। बाल सेना की दिनचर्या में यह शामिल हो चुका है कि वे सुबह उठकर निगरानी करते हैं।
साभार : राजस्थान पत्रिका 14 जुलाई 2015