राजु कुमार
लम्बे समय से ग्रामीण स्वच्छता एवं जल, जंगल, जमीन के मुद्दे पर कार्यरत स्वैच्छिक संस्था महात्मा गाँधी सेवा आश्रम ने शहरी स्वच्छता पर भी काम करना शुरू कर दिया है। स्वच्छ भारत अभियान एवं स्मार्ट सिटी जैसी अवधारणाओं एवं योजनाओं के बीच स्वच्छता शहरी आबादी के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ है। पहले से ही पानी की कमी और स्वच्छता की खराब स्थिति से जूझ रहे शहरों में स्वच्छता एवं पानी का सही प्रबंधन नहीं किए जाने पर भविष्य की स्थिति ज्यादा खराब हो सकती है। संस्था के अनुभवों एवं वाटर एड के सहयोग से जबलपुर में स्वच्छता को लेकर शुरू की गई इस पहल से उम्मीद की जा रही है कि जबलपुर को इससे लाभ मिलेगा।
जबलपुर में शुरू किए गए ‘स्वच्छ जबलपुर स्वस्थ जबलपुर अभियान’ के एक औपचारिक शुभारम्भ के लिए आयोजित सम्मेलन में नगर निगम के अधिकारियों, जन प्रतिनिधियों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने विचार व्यक्त कर एक-दूसरे के सहयोग से ‘स्वच्छ जबलपुर स्वस्थ जबलपुर अभियान’ को गति देने के लिए प्रतिबद्धता जताई। इस मौके पर जबलपुर नगर निगम की महापौर डॉ. स्वाति सदानंद गोडबोले ने कहा कि बिना स्वच्छता के बेहतर स्वास्थ्य और बिना स्वास्थ्य के सशक्त समाज की कल्पना नहीं की जा सकती। हमारा परिसर और पानी स्वच्छ रहेगा तो जबलपुर स्वस्थ रहेगा। जबलपुर के घर-घर में स्वच्छ व सुरक्षित पानी की आपूर्ति के लिए निःशुल्क नल कनेक्शन का अभियान चलाया गया है। स्वच्छ जबलपुर की कल्पना को साकार कर जबलपुर को स्मार्ट सिटी बनाएंगे।
नगर निगम की अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा वाल्मिकी ने अभियान की प्रासंगिकता की प्रशंसा करते हुए कहा कि घर स्वच्छ होने के साथ-साथ आस-पास के वातावरण को स्वच्छ बनाए रखना होगा। हमारी आय का बड़ा हिस्सा दवाइयों पर खर्च हो जाता है और बीमारियों की जड़ गन्दा वातावरण एवं अशुद्ध पानी है। एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष और महात्मा गाँधी सेवा आश्रम के सचिव डॉ. रनसिंह परमार ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण जीवन जीने के लिए स्वच्छ वातावरण और शुद्ध व सुरक्षित पेयजल बहुत ही जरूरी है। नगर निगम की अपर आयुक्त श्रीमती सुनन्दा पंचभाई ने कहा कि पानी की बचत को प्राथमिकता देनी होगी। कम वर्षा के कारण जल संकट की सम्भावना पूरे देश में है। कदम सांस्कृतिक संस्था के संस्थापक योगेश गिल्होरे ने कहा कि समुदाय को अपने दायित्वों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक होना पड़ेगा। पूर्व एमआईसी सदस्य सर्वेश मिश्रा ने कहा कि घर, गली, बस्ती व मोहल्ला सुन्दर होगा तो जबलपुर सुन्दर होगा। सम्मेलन में विभिन्न मोहल्लों से आई स्वयं सहायता समूह के प्रतिनिधियों ने जल और स्वच्छता से जुड़ी अपनी समस्याओं और अनुभवों को साझा किया।
सम्मेलन के बाद स्वैच्छिक संस्था से जुड़े अनिल गुप्ता ने उम्मीद की है कि समुदाय एवं नगर निगम क अधिकारियों व जन प्रतिनिधियों के बीच वे सेतु का काम करने के साथ-साथ पैरवी आधारित तरीकों का उपयोग कर वंचित समुदाय एवं झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लोगों के जल एवं स्वच्छता अधिकारों को सुनिश्चित कराने का प्रयास करेंगे। वे यह भी देखेंगे कि शहरी विकास में वंचितों एवं गरीबों के स्वच्छता व जल अधिकारों का हनन नहीं हो।