घर घर शौचालय की उम्मीद जगी

नई दिल्ली (वार्ता)। जानेमाने सामाजिक कार्यकर्ता और सुलभ आन्दोलन के संस्थापक डॉ बिन्देश्वर पाठक ने स्वतन्त्रता दिवस के मौके पर प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी के दिए भाषण का स्वागत करते हुए उम्मीद जताई है कि अब खुले में शौच करने की समस्या समाप्त होगी। डॉ पाठक ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि आजाद भारत के इतिहास में पहली बार स्वतन्त्रता दिवस पर किसी प्रधानमन्त्री ने अपने भाषण में शौचालय को इतना महत्व दिया है।


उन्होंने कहा कि मुझे भरोसा है कि अब आनेवाले समय में हर परिवार के पास शौचालय उपलब्ध होगा। सुलभ शौचालय के रूप में चर्चित किफायती शौचालय-तकनीक विकसित करनेवाले करने वाले डॉक्टर पाठक ने कहा कि सभी के लिए शौचालय सुविधा सुनिश्चित करने के लिए राजनीतिक इच्छा शक्ति की जरूरत होती है। डॉ पाठक ने कहा कि उन्होंने 1970 में शौचालय को लेकर अपना अभियान शुरू किया था।


उन्होंने उम्मीद जताई की अब इस अभियान को मजबूती मिलेगी। इसमें स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं मानव-सम्मान को बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी। प्रधानमन्त्री ने सभी सांसदो से संसदीय क्षेत्र विकास निधि से अपने क्षेत्र के स्कूलों में लड़कियों के लिए अलग शौचालय बनाने की अपील की है। उन्होंने कॉरपोरेट कम्पनियों से भी अपने सामाजिक दायित्व के दायरे में इस दिशा में पहल करने की अपील की है।

 

साभार : राष्ट्रीय सहारा, नई दिल्ली शनिवार 16 अगस्त 2014

 

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