भास्कर न्यूज दिल्ली। स्वच्छता अभियान के तहत तीनों निगम ने शहरों से रोजाना निकलने वाले 9900 मीट्रिक टन कूड़े के निष्पादन के लिए नई राह निकाली है। तीनों निगमों ने अपने-अपने लैंडफील्ड साइटों पर गीले कूड़े से बिजली और खाद बनाना शुरू कर दिया है। वहीं ठोस कूड़े से फुटपाथ पर लगने वाली टाइल्स बनाने की दिशा पर काम कर रही है।
साउथ एमसीडी 3500 मीट्रिक टन कूड़े से ओखला लैंडफील्ड पर कूड़े से प्रतिदिन 14 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रही है। बिजली बनाने के बाद बची राख को सड़क निर्माण के काम में प्रयोग किया जा रहा है। इसके बाद पेड़-पौधों से निकलने वाले कूड़े से साउथ एमसीडी मृत जानवरों को जलाने के लिए द्वारका में क्रिमिएशन सेंटर बनाने जा रही है। वहीं कूड़े से खाद भी बना रही है। आने वाले दिनों में साउथ एमसीडी पहले प्रोजेक्ट की सफलता को देखकर बिजली उत्पादन के लिए पब्लिक पार्टनर योजना पर बड़ी क्षमता का पावर स्टेशन लगाने पर विचार कर रही है।
नार्थ एमसीडी भलस्वा डेरी पर प्रतिदिन 3200 मीट्रिक टन निकलने वाले कूड़े से 13 मेगावाट बिजली पैदा कर रही है। इसके साथ बड़ी मात्रा में कूड़े से खाद का भी निर्माण किया जा रहा है। पूर्वी निगम गाजीपुर लैंडफील्ड साइट पर प्रतिदिन 2200 मीट्रिक टन कूड़े से 13 मेगावाट बिजली पैदा कर रही है। भविष्य में जल्द इस संयंत्र का विस्तार कर रोजाना 18 मेगावाट बिजली पैदा की जा सकेगी। इसके साथ ही यहाँ कूड़े से खाद और टाइल्स बनाने की योजना पर कार्य किया जा रहा है।
ऑन स्पॉट कूड़े को खाद में बदलेंगे : पुनीत गोयल
साउथ एमसीडी अपने क्षेत्र से निकलने वाले कूड़े को लैंडफील्ड साइटों पर कूड़े से बिजली, रसोई गैस, खाद और टाइल्स बनाना शुरू कर दिया है। तीनों निगम इस दिशा में भी काम कर रही हैं कि विदेशों की तर्ज पर कूड़ा निपटान के लिए जोन स्तर पर एक ट्रांसफॉर्मर जैसा मशीन खरीदकर ट्रक के माध्यम से वार्ड वाइज ढलावों से निकलने वाले कूड़े से ऑन स्पॉट खाद बनाने की योजना पर काम कर रही है।
साभार : दैनिक भास्कर 2 अक्टूबर 2015