6 फरवरी को नई दिल्ली के अगस्त क्रान्ति मार्ग स्थित पीएचडी चैम्बर में आयोजित होने जा रहे ‘सेनिटेशन फॉर ऑल-टॉयलेट फर्स्ट’ समिट का उद्घाटन कर्नाटक के ग्रामीण विकास और पंचायतराज मन्त्री श्री एच.के पाटिल करेंगे। पाटिल को उनके कार्यों के क्रियान्वयन के लिए जाना जाता है। उन्हें 1993 से विभिन्न पदों पर रहते हुए गरीब लोगों को लाभ पहुँचाने के लिए उठाए गए कई सकारात्मक कदमों के लिए जाना जाता हैं।
‘सेनिटेशन फॉर ऑल-टॉयलेट फर्स्ट’- अपनी तरह का पहला राष्ट्रिय समिट है। श्री पाटिल अपने अन्य मन्त्रियों के साथ मिलकर इस अभियान को समय-समय पर परामर्श देते रहे हैं ताकि इसका फायदा गरीब तबके के लोगों तक भी पहुँच सके। उनकी पहल पर सरकार ने दस ऐसी जगहें चिन्हित की हैं ताकि वहाँ 10 लाख शौचालय बनाए जा सकें, ताकि कोई भी लड़की पढ़ाई छोड़ने के लिए विवश न हो और खुले में शौच जाने वाले लोगों के मान-सम्मान की रक्षा की जा सके।
श्री पाटिल जी के नेतृत्व में कर्नाटक को 2018 तक खुले में शौच से मुक्त राज्य बनाने की योजना पर तेजी से कार्य हो रहा है। उन्होंने 2013-14 में अबतक 5.5 लाख शौचालयों का निर्माण करवा दिया है। यह संख्या अन्य राज्यों की तुलना में अधिक है। उन्हें राज्य में सरकार और जनता के बीच पारदर्शिता लाने वाले विधेयक में अहम भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है। युवावस्था में कपड़ा, खाद्य प्रसंस्करण और औद्योगिक मन्त्री रहते हुए उन्होंने राज्य के बुनकरों को न्यूनतम 100 दिन का रोजगार मुहैया कराया था। कानून मन्त्री रहते हुए उन्होंने कर्नाटक स्टेट लॉ यूनिवर्सिटी और मानवाधिकार कमीशन की स्थापना की थी। इसके अलावा उन्होंने कई किताबों का भी संपादन किया है जैसे की- कार्विंग अ केयरिंग सिस्टम(अंग्रेजी), कावेरी: लोप मुद्रा(कन्नड़), चलुवा(कन्नड़), नाडू-नानासगाडा कनासु(कन्नड़) आदि। इसके अलावा वे प्रतिदिन प्रकाशित होने वाले पत्र विशाल कर्नाटक (कन्नड़ भाषा) के संपादक भी हैं।
इंडिया सीएसआर के संस्थापक श्री रूसेन कुमार ने कहा की- माननीय मन्त्री महोदय का विशिष्ट अतिथि बनकर आना हमारे लिए काफी गर्व की बात है। उनकी उपस्थिति से स्वच्छता के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हो सकेगी। उनके कारण ही कर्नाटक देश का पहला ऐसा राज्य बन पाया है जहाँ स्वच्छता से सम्बन्धित मुद्दों पर प्रभावी कदम उठाए गए हैं। इसी वजह से उनके सान्निध्य में होने वाले इस समिट का प्रभाव पूरे देश पर पड़ेगा।
साभार : इण्डिया सीएसआर