भारत के कुल 84.63 प्रतिशत स्कूलों में लड़कियों के लिए शौचालय की सुविधा है। केन्द्रीय मानव संसाधन विभाग की एक रिपोर्ट के अनुसार, करीब 20 प्रतिशत स्कूलों में अभी भी लड़कियों के लिए शौचालय नहीं हैं।
प्राथमिक शिक्षा नाम की इस रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि लड़कियों के दाखिले में 48.20 फीसदी गिरावट आई है, जो कि पिछले साल 48.36 प्रतिशत था। इस साल कक्षा एक से पाँचवी तक की छात्राओं के दाखिले में 0.1 प्रतिशत का इजाफा हुआ है, जो कि अब 48.35 से 48.36 हो गया है।
स्वच्छता सुविधा की इस निराशाजनक खबर को सबके सामने यह रिपोर्ट लाई है। हालाँकि देश के 94.45 प्रतिशत स्कूलों में शौचालय हैं लेकिन केवल 92.64 शौचालय ही चालू हालत में है। लड़कियाँ इस सुविधा से ज्यादादर वंचित हैं क्योंकि देश में सिर्फ 84.63 फीसदी स्कूलों में उनके लिए शौचालय हैं जिसमें से 91.62 प्रतिशत चालू हालत में है। इन आँकड़ों से पता चलता है कि देश के 20 फीसदी स्कूलों में उनके लिए शौचालय सुविधा नहीं हैं।
यदि पिछले साल के स्कूल और शौचालय के आँकड़ों से तुलना की जाए तो इसमें 12 प्रतिशत की प्रगति हुई है, फिर भी विशेषज्ञ इससे असंतुष्ट ही हैं। पिछले साल लगभग 81 प्रतिशत स्कूलों में लड़कों के लिए और 72 प्रतिशत लड़कियों के लिए शौचालय सुविधा उपस्थित थी। पटना आधारित प्राथमिक शिक्षा पर कार्य करने वाले विनय कान्त “ये बहुत दुखद आँकड़े हैं। इन मानदण्डों को शिक्षा के अधिकार के तहत 21 मार्च 2013 से अनुपालन किया जाना चाहिए था।”
साभार : डाउन टू अर्थ 24 जून 2014